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एकः शृगालः | वनं गच्छति | आम्लं द्राक्षाफलम् । Ekh Shrigalah | Vanam Gachhathi | संस्कृत बालगीतम् |

 एकः श‍ृगालः वनं गच्छति संस्कृत बालगीतम्




एकः श‍ृगालः वनं गच्छति 

बुभुक्षया पिपासया वनं गच्छति  धृ॥


किं  करोति सः किं  करोति 

अरे अत्र पश्यति अरे तत्र पश्यति 


कुत्र गच्छति सः कुत्र गच्छति 

अत्र गच्छति सः तत्र गच्छति 


किं  पश्यति सः किं  पश्यति 

सः पश्यति द्राक्षाफलम् 


किं  करोति सः किं  करोति 

सः उत्पतति उत्पतति पुनः उत्पतति उत्पतति 

किन्तु  लभते द्राक्षाफलम् 

किं  वदति सः किं  वदति 

आम्लं द्राक्षाफलम् 

                                

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एकः शृगालः - हिन्दी अनुवाद। Ekh ShrugalaH vanam gachati - Hindi translation



एकः शृगालः 

एक सियार 


एकः शृगालः वनं गच्छति।

एक सियार जंगल जाता है।


पिपासा तस्य बुभुक्षा

प्यास (और) उसकी भूख



पिपासया बुभुक्षया वनं गच्छति 

प्यास से (और) भूख से जंगल जाता है।



सः वनं गच्छति सः वनं गच्छति  

वह जंगल जाता है, वह जंगल जाता है।



तत्र गच्छति

वहाँ जाता है।



किमपि लभते

कुछ भी नहीं मिलता है।



इतोऽपि गच्छति

यहाँ से जाता है



किमपि लभते 

कुछ भी नहीं मिलता है।



श्रान्तः जायते खिन्नः जायते

थक जाता है। दुखी हो जाता है।



सः श्रान्तः जायते खिन्नः जायते 

वह थक जाता है, दुखी हो जाता है।




किं करोति?

और क्या करता है?



सः किं करोति?

और वह क्या करता है?



वामतः पश्यति दक्षिणतः पश्यति

बाएं देखता है, दाहिने देखता है।



अग्रतः पश्यति पृष्ठतः पश्यति 

आगे देखता है, पीछे देखता है।



स्वेदः जायते तृषा जायते 

पसीना होता है, प्यास होती है।



तस्य स्वेदः जायते तृषा जायते

वह पसीनोपसीन होता है, प्यास लगती है।



किं पश्यति? सः किं पश्यति

और क्या देखता है? वह और क्या देखता है?



पश्यति द्राक्षालतां

देखता है अंगूर की लता को



सः पश्यति द्राक्षाफलम्

वह देखता है अंगूर की लता को



उपरि उपरि लतासु दृश्यते तत्फलम् 

ऊपर ऊपर लताओं में दिखता है उसका फल।



अनुक्षणं तन्मुखे रसः जायते 

उसी समय उसके मुंह में पानी जाता है।



किं करोति? सः किञ्च करोति

और क्या करता है? वह क्या करता है?



एकवारम् उत्पतति द्विवारम् उत्पतति 

एकबार कूदता है, दो बार कूदता है।



त्रिवारम् उत्पतति पुनः पुनः उत्पतति

तीसरी बार कूदता है, बार बार कूदता है।



स्वेदः जायते तस्य श्रमः जायते 

पसीनोपसीन हो जाता है, उसको कष्ट होता है।



किं कथयति? सः किं कथयति

क्या कहता है? वह क्या कहता है?


आम्लं द्राक्षाफलम् 

खट्टा है अंगूर।



आम्लं द्राक्षाफलम्

खट्टा है अंगूर।



इत्येवं कथयति सः पलायते 

ऐसा ही कहता है, वह भाग जाता है।



इत्येवं कथयति पलाऽयतेऽऽ ।।

ऐसा ही कहता है, भाग जता है॥



गीत सुनने के लिए यह वीडिओ देखिए -


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